आज के दौर में लोग शेयर बाजार में निवेश करने की सोच रखते हैं। क्योंकि फिक्स डिपॉजिट में उतने रिटर्न नहीं मिलते हैं। और ये रिटर्न महंगाई को भी मात नहीं दे पाती है। इसलिए दुसरा विकल्प लोगों को शेयर मार्केट नजर आता है। लेकिन बात यह है कि शेयर बाजार में पांच हजार से भी ज्यादा कम्पनियां लिस्टेड है। और इतनी सारी कम्पनीयो में से सही कम्पनी में निवेश कैसे करें यह मुश्किल काम हो जाता है। पर आज हम आपको कुछ ऐसे फंडामेंटल टर्म के बारे में जानकारी दें रहे हैं, जिसका इस्तेमाल कर के आप अपने लिए सही शेयर चुन सकते हैं।
सबसे पहले आपको बिजनेस माडल के बारे में समझना चाहिए। क्योंकि आप कम्पनी के शेयर खरीद रहे हैं, तो आप उनके बिजनेस में निवेश कर रहे हैं। और फिर आपकी भी एक छोटी सी हिस्सेदारी उस कम्पनी में बन जाती है। इसलिए आपको उसके बिजनेस के बारे में समझना होगा। वह क्या चीज का बिजनेस करतीं हैं। क्या उसका बिजनेस लम्बे समय तक चलेगा। उनके प्रतिस्पर्धी कौन कौन से हैं। यह सारी चीजें आपको अच्छे से जान लेनी चाहिए।
PE Ratio यह बताता है कि आप कम्पनी के शेयर में रिटर्न कमाने के लिए कितने पैसे दे रहे हो। यह कम्पनी के वैल्यूएशन को दर्शाता है, कि कम्पनी कितनी महंगी और सस्ती है। आमतौर पर यह 20 से 25 के बीच होना चाहिए। पर आप यह चीज कम्पनी के प्रतिस्पर्धी के PE Ratio से तुलना करके देख सकते हों। अगर उसी क्षेत्र के दुसरे कम्पनी का PE Ratio कम है तो वह बेहतर माना जाएगा।
ROE मतलब Return On Equity यह दर्शाता है कि कम्पनी ने इक्विटी से जो पैसे जुटाए हैं उसके मुकाबले कितना ज्यादा रिटर्न आपको मिलेगा। यह 15 से ज्यादा हों तो अच्छा माना जाता है।
Return On Capital Employee यह इक्विटी और डेट के मुकाबले कितना ज्यादा रिटर्न आपको मिलेगा यह दर्शाता है। यह 20 से ज्यादा हों तो अच्छा माना जाता है।
किसी कम्पनी ने इक्विटी के मुकाबले ज्यादा कर्ज ले रखा हों तो यह अच्छा नहीं माना जाता है। Dept To Equity 1 से कम हों तो अच्छा माना जाता है। पर किसी किसी कम्पनी में यह हमेशा से ज्यादा देखने को मिलता है। जिस बिजनेस में कैपिटल की ज्यादा जरूरत होती है। तो आपको इसमें यह देखना होगा कि वह कम्पनी अपना कर्ज टाइम से चुका पा रही है कि नहीं।
Profit & Sells कम्पनी की ग्रोथ में सबसे प्रमुख चीज है। यह साल दर बढ़त में ही रहना चाहिए। यह कितना होना चाहिए इसके लिए आपको इसके प्रतिस्पर्धी कम्पनी से तुलना कर के भी देख सकते हैं।
Promoters वह होते हैं जो कम्पनी को बनाए हुए होते हैं। इनकी Holding 45% या इससे अधिक हो तो अच्छी मानी जाती है। इसमें आपको यह भी देखना होगा कि Promoters अपनी Holding को गिरवी तो नहीं रखें हुए हैं। क्योंकि ये कम्पनी के लिए नेगेटिव बात होती है।
तो कुछ इस तरह से आप सारे पैरामीटर को देख कर अच्छी कम्पनी में निवेश कर सकते हों। इसके अलावा और भी कई सारे पैरामीटर है जो कि आप देख सकते हों। पर मुख्य रूप से यह है जिसे आपको देखना होगा।
नोट :- यह पोस्ट एजुकेशन पर्पस के लिए बनाई गई है। शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर राय ले।
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